सलाह

महात्मा जी प्रवचन कर रहे थे। भावविभोर हो रहे थे – मैं जितनी बार श्री रामचरित मानस का पाठ करता हूँ , हर बार, भक्तों हर बार मुझे नवीन अर्थ प्राप्त होते हैं।
एक छोटा बालक उठ खड़ा हुआ। उसने प्रश्नवाचक मुद्रा में हाथ उठा रखा था।
“हाँ -हाँ बालक बोलो। ” महात्मा जी ने कहा।
“महाराज, आप उसे एक बार ढंग से क्यों नहीं पढ़ लेते ?” बालक ने कहा।
– अनुभव मिश्र

Ramakant Mishra

One thought on “सलाह

Leave a Reply to Viagra Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *