ऐसा नहीं बोलते

बेटा – पापा, हम यहां क्यों आए हैं?

पिता – बेटा, ये महात्मा जी का सम्मान किया जा रहा है। उन्होने अपना सारा जीवन ईश्वर के प्रचार-प्रसार में व्यतीत किया है।

बेटा – ईश्वर को प्रचार की क्या जरूरत है?

पिता- चुप, ऐसा नहीं बोलते।

Ramakant Mishra

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